१ . निरासित कमजोर बीमार एवं लाचार गौ-धन की देखभाल करना।
२ . प्रत्येक समाज में सेवा भाव गौ-सेवा भावना को जागृत करना ।
३. गौ-धन के प्रति अत्याचार करने वालों को कानूनन दण्डित करवाना ।
४. गाय के गोबर की उतम क्वालिटी की देद्गाी खाद बनाकर क्षेत्र की भूमी की उर्वरा द्याक्ति बढ़ानें हेतु एवं इसके
उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करना ।
५. अच्छी नस्ल की गायों व सांडो की सुरक्षा कर वृद्धि का प्रयास करना ।
॥ गौमाता की जय ॥