Shri Hari Goshala
संस्था के उद्देश्य
१ . निरासित कमजोर बीमार एवं लाचार गौ-धन की देखभाल करना।
२ . प्रत्येक समाज में सेवा भाव गौ-सेवा भावना को जागृत करना ।
३. गौ-धन के प्रति अत्याचार करने वालों को कानूनन दण्डित करवाना ।
४. गाय के गोबर की उतम क्वालिटी की देद्गाी खाद बनाकर क्षेत्र की भूमी की उर्वरा द्याक्ति बढ़ानें हेतु एवं इसके
उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करना ।
५. अच्छी नस्ल की गायों व सांडो की सुरक्षा कर वृद्धि का प्रयास करना ।
॥ गौमाता की जय ॥
" इंसान कहता कि मैं बङा तो पृथ्वी के उपर क्यों खड़ा ।
पृथ्वी कहती कि मैं बड़ी तो शेष भगवान के सिर पर क्यों खड़ी ।
शेष भगवान कहते कि मैं बड़ा तो शंकरजी के गले में क्यों पडे ।
शंकरजी कहते कि मैं बड़ा तो कैलाश पर्वत पर क्यों खड़ा ।
कैलाश पर्वत कहता कि मैं बड़ा तो रावण के हाथ में क्यों पड़ा।
रावण कहता कि मैं बड़ा तो बालि की कांख में क्यों पड़ा ।
बालि कहता कि मैं बड़ा तो राम के बाण से क्यों मरा ।
राम कहते कि मैं बड़ा तो कौशल्या के पेट में क्यों पडे ।
कौशल्या कहती कि मैं बड़ी तो प्रातःकाल उठकर गौमाता के चरणों में क्यों पड़ी । "
" सबसे बड़ी गौ-माता हैं "
॥ गौ-माता की जय ॥
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